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लेखक:

स्वामी विवेकानन्द

आत्मतत्त्व

स्वामी विवेकानन्द

अत्यंत उपलब्ध और अत्यंत अनुपलब्ध तत्त्व का मर्म।

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एकाग्रता का रहस्य

स्वामी विवेकानन्द

एकाग्रता ही सभी प्रकार के ज्ञान की नींव है, इसके बिना कुछ भी करना सम्भव नहीं है।   आगे...

कर्म और उसका रहस्य

स्वामी विवेकानन्द

कर्मों की सफलता का रहस्य

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ज्ञानयोग

स्वामी विवेकानन्द

स्वानीजी के ज्ञानयोग पर अमेरिका में दिये गये प्रवचन

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धर्मरहस्य

स्वामी विवेकानन्द

समस्त जगत् का अखण्डत्व - यही श्रेष्ठतम धर्ममत है मैं अमुक हूँ - व्यक्तिविशेष - यह तो बहुत ही संकीर्ण भाव है, यथार्थ सच्चे 'अहम्' के लिए यह सत्य नहीं है।   आगे...

नया भारत गढ़ो

स्वामी विवेकानन्द

संसार हमारे देश का अत्यंत ऋणी है।

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पवहारी बाबा

स्वामी विवेकानन्द

यह कोई भी नहीं जानता था कि वे इतने लम्बे समय तक वहाँ क्या खाकर रहते हैं; इसीलिए लोग उन्हें 'पव-आहारी' (पवहारी) अर्थात् वायु-भक्षण करनेवाले बाबा कहने लगे।   आगे...

भक्तियोग

स्वामी विवेकानन्द

स्वामीजी के भक्तियोग पर व्याख्यान

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मन की शक्तियाँ

स्वामी विवेकानन्द

मनुष्य यदि जीवन के लक्ष्य अर्थात् पूर्णत्व को

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मरणोत्तर जीवन

स्वामी विवेकानन्द

ऐसा क्यों कहा जाता है कि आत्मा अमर है?

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